पानी बिन सुखाड़ – अजमत अलि अन्सारी (भोजपुरी कविता)
कही एतना बरसत की, उमडल बा बाढ़ इहा लोग तरसत बा, पानी बिन सुखाड़ नहर-पोखरा, नदीया-नाला, ताल-तलईया सुखी गइले डबरा-डबरी गढ़हा-गढ़हिया धारा-चापाकल बिसुकी करे सोंय-साँय-2 खाली घईला-डोल, खाली गिल-बोतल जार…
कही एतना बरसत की, उमडल बा बाढ़ इहा लोग तरसत बा, पानी बिन सुखाड़ नहर-पोखरा, नदीया-नाला, ताल-तलईया सुखी गइले डबरा-डबरी गढ़हा-गढ़हिया धारा-चापाकल बिसुकी करे सोंय-साँय-2 खाली घईला-डोल, खाली गिल-बोतल जार…
सोचेनी की दुःख ओरवा दीं उदह के का करिं ? बान्ह टुट जाला रह-रह के देखि-सुनी भीतरी लाहास जस मारे जियल कठिन ईंहाँ झूठ-सांच सह के समयके हकदार सिर्फ माई-बाप…
अबो जे कबो छूटे लोर आंखिन से बबुआ के ढॉंढ़स बंधावेले माई । आवे ना ऑंखिन में जब नींद हमरा त सपनो में लोरी सुनावेले माई ।। बाबूजी दउड़ेनी जब…
बीरगंज, भोआ, ३ आसार, रिलीज होए के साथ ही ‘नयन बा नशीला’ लोगनके बिच वायरल होगइल बा । गाना के सामने आइलाके बाद अब फैंस फिल्म के रिलिज के बेसबरी से…
स-समाज के बात छोड़ बात भईल बरियारी के पार्टी पौलेसी के गांव जवार भईल अब रह ना गईल यारी के प्यार मुहबब्त अब नईखे कमी बा समझदारी के बिकास वाला…
पढले रहिँ सच्चा देश प्रेमी होला पुलिसवाला । बाकिर ई का देखके मिलता हाय रे उपरवाला ।। शान वाला वरदी मे रक्षक भइले देश के भक्षक । न्याय सम्मान के…
विश्वव्यापी फइलरहल प्रकोप के रुपमे कोरोनाके खिलाफ जिला पुलिस दफ्तर, पर्सा के निहोराः - पुलिस दफ्तरमे ढुके से पहिले गेट मे रहल धारामे साबुन पानी से करिब २० सेकेण्ड तक…
भोजपुरी अनियमित क्रिया (Irregular Verbs): V1 …
एगो गाँव मे बहुते वडका जमिनदार जी रलन । दु गो बच्चाके जलम दिहला के बाद उनकर मेहरारु के मुअला बहुते दिन होगइल रहे । उ बहुते धनीमनी रहले बाकिर…
एगो गाँवमे बहुते धनिमनी जमिनदार रहलन । ऊ अपना के शेर कहत रहलन । एहिसे उ एगो शेर भि पोसले रहलन जेकरा के देखे खातिर दुर दराज से बहुते लोग…