पर्सा जीला का किसानसब अभी भी भारतका धान का बिया पर निर्भर है । नेपाली धान के बियापर उनलोगो का विश्वास नाहोने के कारण अभीतक वो लोग भारतका बिया किनकर खेती कर रहे है ।
निषेधाज्ञा का कारण खुला सीमा बन्द होनेपर भी धान खेती करने बाला किसान सब छुपकर चोर रास्ते से भारतीय बजार जाते है और धान का बीया खरिद लाते है । पर्सा जीला के थारुवान क्षेत्रमे रोपा हुवा चैत का धान खती मे भी भारतके धानके बिया का उपयोग हुवा था ।
थारुवान क्षेत्र जैसा ही बजियान क्षेत्रमे होनेवाला थोरासा चैत के धान खेतिमे भारतके बिया ही प्रयोग हुवा है तो भादोका धान खेती के लीए बीयाका ब्याङ तइयार करनेका बक्त मे भी भारतके धानके बिया प्रयोग हो रहा है । पोखरिया का किसान हरेन्द्र चौहान भारत के सिड, पान छाप, गङ्गा काबेरी, सुवर्र्ण जैसी धानका बिया किसान सब भारत से खरिदकर लाते है और रोपते है ।
भारत और नेपालमे निषेधाज्ञा सुरु हुवे अवधीमे किसानसब सुबह का वक्त मे भारतमे प्रवेश करते है और वहा का बजार से धानका बिया छिपाकर नेपाल मे आते है । धानखेतीका ये सिजनमे नेपाल का किसान सब बिया के लिए बडा सङ्ख्यामे भारत प्रवेश करते है सीमाक्षेत्रमे ये आसानी से देखा जासकता है ।